पालक खाने के फ़ायदे अनेक
जाने पालक की खेती कैसे की जाती है
पालक की खेती मुख्य रूप से ठंढ जलवायु में की जाती है, यह मिट्टी की अच्छी जल निकासी और पर्याप्त धूप में उगता है, हम बात करें भारत में पालक की खेती सर्दियों में अधिक होती है क्योकी ठंढ में पालक का खेती अनुकूल रूप से होती है, क्योंकि यह ठंडे मौसम में बेहतर उगता है, पालक को बीज के माध्यम से उगाया जाता है, और यह बहुत ही जल्दी तैयार हो जाता है अगर हम बात करें मिटटी की तो लगभग सभी मिटटी में पालक उग जाता है |
आप पालक का सेवन कैसे करें
अगर हम बात करें पालक का सेवन तो आप पालक को कई तरीको से सेवन कर सकते है, पालक को कई तरीकों से खाया जा सकता है आइये जानते है विस्तार से |
- आप पालक की सब्जी और आलू की सब्जी मसालेदार, हल्दी और लहसुन, आदि के साथ बनाई जाती है,
- इसे रोटी या चावल के साथ खाया जा सकता है आप अपने इच्छा के अनुसार खा सकते है |
- अगर हम बात करें पालक की सूप की तो ये बहुत ही स्वादिस्ट और पोस्टिक सूप के रूप में इसे तैयार किया
- जा सकता है जिसे आप अपने भोजन के साथ सेवन कर सकते है |
- अगर आपको पालक का पराठा पसंद है तो, आप आटे में पालक मिलाकर इसे पराठे के रूप में तैयार कर
- सकते है और अपने नास्ते या भोजन के साथ में भी सेवन कर सकते है |
- पालक की चटनी आप को अगर पसंद है तो, आप ताजे पालक से स्वादिस्ट चटनी बनाई जा सकती है जो
- आपके सेहत को भी अच्छी रखती है |
- हम बात करें पालक का रायता तो यह एक बहुत ही बिसेस साइड डिश के रूप में ताजे पालक के साथ
- दही में मिलाकर बनाया जा सकता है आप बहुत ही आसानी से बना सकते है |
पालक में पाए जाने वाले पोषण तत्व
- खनिज भरपूर मात्रा में पाया जाता है |
- विटामिन भी अच्छा मिलता है |
- एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा भी भरपूर मिलती है |
- फाइबर पालक में अच्छी मात्र में पाए जाते है |
- पालक के स्वास्थ्य लाभ भी अधिक है |
- अगर बात करें हृदय स्वस्थ्य में भी लाभ पहुचता है |
- एनीमिया में राहत पहुचाता है पालक |
- आखो की रोशनी में भी लाभ पहुचाता है |
- हड्डियों को कैल्सियम मिलता है |
- पालक पाचन क्रिया को भी दुरुस्त करता है |
पालक का इतिहास और उत्पति
हम बात कर रहे है पालक के इतिहास के बारें पालक का वनस्पति नाम स्पिनेशिया ओलेरेशिया ( SPINACIA OLERACEA ) के रूप में जाना जाता है, इसकी लगभग 2000 साल पहले फारस में उत्त्पति हुई थी, इसको प्राचीन फारसी सब्जी के रूप में जाना जाता है, इसे भारत में 647 ई. में नेपाल के माध्यम से प्राचीन चीन और 827 में अरबी ने पालक को सिसिली में भी पेश किया था और 11 शताब्दी में मुर्रा द्वारा स्पेन होते हुए इसे यूरोप तक लाया गया था
पालक के कुछ नुकसान और सावधानियां
आपको बता दें की हम आज के इस आर्टिकल में पालक साग के गुणों के बारें में बात कर रहे है, लेकिन वही अगर हम बात करें उसके कुछ नुकसान की तो, कुछ मामलों में इसे सेवन करने में सावधानी बरतनी भी चाहिए आइये जानते है |
- पालक में Oxalates आक्सेलेट्स की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी पथरी के रोगियों के लिए हानिकारक
- हो सकती वही अगर आपको पथरी की समस्या है तो आप पालक का सेवन न करें |
- अगर किसी व्यक्ति को थायराइड की समस्या है तो पालक का सेवन न करें इसमें गोइट्रोजन्स होते हैं, जो
- थायरायड ग्रंथि पर असर डाल सकते हैं, थायराइड वाले पेशेंट इससे बचने चाहिए |
Disclaimer: यह जानकारी सामान्य ज्ञान और उपलब्ध डेटा के आधार पर लिखी गई है, यह वास्तविकता हो सकती है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए अधिकृत सरकारी स्रोतों से जानकारी प्राप्त करना उचित होगा, इस आर्टिकल का उद्धेश्य जन जागरूक तक पंहुचा है किसी की भावनाओ को ठेस पहुचना नहीं है |






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