उत्तर प्रदेश में फॉर्मर रजिस्ट्री से ख़त्म होगा खसरा खतौंनी की परेशानी
राजस्व विभाग में ख़सरा और खतौनी दोनों ही दस्तावेज किसानो के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, खसरा भूमि के माप और स्थिति को दर्शाता है, जबकि खतोनी में उस भूमि पर किसी विशेष किसान का अधिकार और स्वामित्व दर्ज होता है, जब भी किसी किसान से संबंधित दस्तावेज की जरुरत होती है, तो उसे खसरा और खतौनी का सहारा लेना पड़ता है, यह प्रक्रिया कई बार लम्बी जटिल और अधिक समय लेने लगाती है, इसके अलावा ग्रामीण इलाको में कई बार इन दस्तावेजों की स्थिति भी ठीक नहीं होती जो और भी समस्या पैदा करती है किसानों को खेती की जानकारी देने के लिए अब खसरा खतोनी की जरुरत नहीं पड़ेगी सत्यापन के लिए लेखपालों की भाग दोड भी ख़त्म हो जाएगी फार्मर रजिस्ट्री से किसानों की खेती का विवरण आनलाईन किया जा रहा है, फार्मर आईडी बन जाने से किसानो के खेत का पूरा डाटा कम्पूटर पर दिखेगा उप निदेशक कृषि रामाश्रय यादव ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री बनने से किसानो को बार-बार केवाईसी कराने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगी किसान सम्मान निधि समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिलने लगेगा इसके अलावा बैंक से कर्ज लेने में भी आसानी होगी |
आपको इस लेख में हम आपको अवगत फार्मर रजिस्ट्री का उद्देश्य खसरा और खतोनी से जुड़ी परेशानियों को समाप्त करना है, इसके माध्यम से किसानो को उनके भूमि दस्तावेज एक केंद्रीय डेटावेस में डिजिटल रूप से उपलब्ध कराए जाएगे इस प्रणाली के जरिये किसान अपने भूमि से संबंधित सभी जरुरी दस्तावेज जैसे खसरा खतौनी, पट्टा आदि को आनलाईन ही देख सकते है, डाउनलोड कर सकते है और आवश्यकता पड़ने पर डिजिटल प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते है, फार्मर रजिस्ट्री के लिए कृषि विभाग को 5,27,582 किसानों का लक्ष्य मिला है, लक्ष्य के सापेक्ष अभी लगभग 2,10,827 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री बन चुकी है फार्मर रजिस्ट्री बनवाने के लिए किसान का नाम, पिता का नाम, पता, खतोनी, आधार कार्ड और लिंक मोबाईल नंबर की जरुरत पड़ती है, यह कार्य किसी भी जनसुबिधा केंद्र पर किसान निर्धारित शुल्क पर करवा सकते है, फार्मर रजिस्ट्री बनने के बाद आईडी नंबर कंप्यूटर पर डालते ही किसान का संपूर्ण विवरण स्क्रीन पर आ जाएगा इसमें पंजीकरण के बाद ही किसी सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे आप सभी लोग फार्मर रजिस्ट्री जल्द से जल्द कराले ताकि किसी भी तरह का कार्य आपका बाधित ना हो |
Disclaimer: यह जानकारी सामान्य ज्ञान और उपलब्ध डेटा के आधार पर लिखी गई है, यह वास्तविकता हो सकती है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए अधिकृत सरकारी स्रोतों से जानकारी प्राप्त करना उचित होगा, इस आर्टिकल का उद्धेश्य जन जागरूक तक पंहुचा है किसी की भावनाओ को ठेस पहुचना नहीं है |

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